दोस्तो क्या आप जानते हैं की हमें गुलगुली क्यों लगती हैं शायद आप न जानते हो तो चलिए आज मैं आपको इसके बारे मे बताता हुं अगर आपको ऐसी पोस्ट पढ़ने अच्छी लगती हैं तो आप मेरी वेबसाइट को फॉलो कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते कुछ नया...
जब हम सो रहे होते हैं और हमारे भाई बहन जब हमें छोटे से तिनके से हमारे गर्दन पर हिलाते हैं तो हमें गुदगुदी लगती है और हम जाग जाते हैं और हम परेशान होकर उठ जाते हैं तो कभी आपने सोचा है कि हमें गुदगुदी क्यों लगती है तो चलिए आज हम जानते हैं इसमें गुदगुदी क्यों लगती है
गुलगुली
जब हम सो रहे होते हैं और हमारे भाई बहन जब हमें छोटे से तिनके से हमारे गर्दन पर हिलाते हैं तो हमें गुदगुदी लगती है और हम जाग जाते हैं और हम परेशान होकर उठ जाते हैं तो कभी आपने सोचा है कि हमें गुदगुदी क्यों लगती है तो चलिए आज हम जानते हैं इसमें गुदगुदी क्यों लगती हैक्या कारण है कि हमें गुदगुदी लगती है
हमें गुदगुदी लगती है क्योंकि हमारी पूरी त्वचा Touch सेन्सर से भरी होती है जब कोई हमें छुता है तो यह तक सेंसर तंत्रिकाओं द्वारा हमारे दिमाग को सिग्नल भेजते हैं थोड़ी गुदगुदी हमें अच्छा फील करवाती है परंतु जब कोई हमारी ज्यादा गुदगुदी करता है तू यह थोड़ा दर्द ना होता है और हमारा दिमाग हमारी बॉडी को उसे दूर हटने का सिग्नल भेजता हैगुदगुदी के बारे में कुछ रोचक तथ्य..
- हमारे शरीर पर लाखो Touch सेंसर होते हैं जो कि हमारे दिमाग को सिग्नल भेजते हैं यह हमारे शरीर को गर्मी सर्दी चिकने नुकीले आनंद दायक और खतरनाक खोने का एहसास कराते हैं
- एक दर्द के सिग्नल को हमारे शरीर मे पैर से दिमाग तक पहुंचने में एक सेकंड का एक छोटा सा हिस्सा लगता है
- ज्यादा गुदगुदी हमारी जान के लिए खतरा हो सकती है इसलिए किसी को हद से ज्यादा गुदगुदी ना करें
- कई अपराधियों ने गुदगुदी को हत्या करने का बहुत अच्छा तरीका बनाया था यह उस व्यक्ति को पकड़कर पान देते थे और उसे गुदगुदी करते थे और वह व्यक्ति हंसते-हंसते मर जाता था इसे उसके शरीर पर कोई सुराग नहीं रहते थे इसे ऐसा लगता था कि उसकी मौत प्राकृतिक रुप से हुई है
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