क्या आप जानते हैं बिजली क्यों चमकती है और बादल क्यों गरजते हैं

बिजली क्यों चमकती है और बादल क्यों गरजते हैं

बिजली क्यों चमकती है और बादल क्यों गरजते हैं

दोस्तों इस समय बरसात का मौसम चल रहा है और हम लोगों ने बरसात के वक्त आसमान में बिजली चमकते जरूर देखी होगी तो आइए आज हम जानते हैं कि बिजली क्यों चमकती है बिजली चमकने के बाद ही क्यों बादल गरजते हैं

तो जब आकाश में बादल छा जाते हैं और तेज हवा चलती है तो बिजली चमकती है बादलों में नमी होती है यह नमी बादलों में जल के बहुत बारीक जल कणों के रूप में होती है जब हवा और जल कणों के बीच घर्षण होता है तो यह जल कड़ आवेशित हो जाते हैं इनमें से कुछ  कड़ धन आवेशित होते हैं और कुछ ऋण आवेशित होते हैं जब धन आवेशित बादल ऋण आवेशित बादल के पास आते हैं तो भी अपने आवेश को डिस्चार्ज कर देते हैं और इससे एक उच्च बोल्ट ता की विद्युत उत्पन्न होती है जो अपने साथ तीव्र विद्युत और चिंगारी रखती है

बिजली का चमकना तीन प्रकार का हो सकता है
1. इंट्रा क्लाउड लाइटिंग
2. क्लाउड टू क्लाउड लाइटिंग
3. क्लाउड टू अर्थ लाइटिंग

                         इंटरक्लाउड लाइटिंग
जब दोस्तों एक ही बादल के अंदर बिजली चमकती है उसे इंटरक्लाउड लाइटिंग कहते हैं जब एक ही बादल में उपस्थित एक तरफ की धन आवेश जब दूसरी तरफ के ऋण आवेश से टकराते हैं तो बादल के अंदर ही बिजली चमकती है यह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती|



                     क्लाउड टू क्लाउड लाइटिंग
जब एक बादल दूसरे बादल के ऊपर बिजली गिराता है तो ऐसे हम क्लाउड टू क्लाउड लाइटिंग कहते हैं जब एक बादल की आवेश दूसरे बादल के रेड आवेश के संपर्क में आता है तू यह एक दूसरे के ऊपर बिजली गिराते हैं इससे आसमान में उड़ने वाले जहाजों को खतरा रहता है लेकिन अब टेक्नॉलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है जिससे हम आसमान की बिजली से बचने के लिए जहाजों को नई तकनीक से बनाया जाता है जिससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होता|



                        क्लाउड टू अर्थ लाइटिंग
जब किसी बादलों से हमारे पृथ्वी पर  बिजली गिरती है तो इसे हम क्लाउड टू अर्थ लाइटिंग कहते हैं जब दो बादलों के आवेश आपस में टकराते हैं तो यह विशाल मात्रा में बिजली पैदा करते हैं और यह बिजली वायु से पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में आ जाती है इसे कोई बिजली के खंबे , ऊंचे पेड़ ,बिल्डिंग दिख जाती है तो यह उसी पर गिर जाती है




       बिजली चमकने के बाद ही बादल क्यों गरजते हैं
 दोस्तों जब बादल से बिजली गिरती है तो यह बहुत सारा इलेक्ट्रिक चार्ज और अति तीव्र प्रकाश और ताप लिए होती है तू जब बिजली हमारे वायुमंडल से गुजरती है तो यह अपने आसपास की वायु को बहुत अधिक गर्म कर देती है जिससे वायु के गर्म एटम अपना स्थान छोड़कर ठंडे स्थान की ओर तीव्र गति से जाते हैं और ठंडे एटम उस जगह पर एकदम से भर जाते हैं यह क्रिया इतनी तेजी से होती है की एक तीव्र विस्फोट की तरह आवाज करती है
क्योंकि हम जानते हैं लाइट की गति 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड होती है जबकि ध्वनि की चाल 320 मीटर पर सेकंड होती है तो लाइट हम तक पहले पहुंच जाती है और ध्वनि हम तक बाद में पहुंच पाता है

              बिना आवाज की भी बिजली गिर सकती है
नहीं ऐसा संभव तो नहीं है पर एक कारण हो सकता है आपने बिजली तो देखी लेकिन आवाज नहीं सुनी यह इसलिए होता है की आसमानी बिजली 100 मील दूर से भी देखी जा सकती है परंतु आवाज केवल 12 मील दूर तक ही सुनी जा सकती है

नोट: क्या हम आसमानी बिजली को एकत्रित कर सकते हैं
ऐसा करना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं| क्योंकि हम नहीं जानते कि इस संसार में बिजली कब और कहां गिरेगी इसे इकट्ठा करने में खर्चा बहुत आएगा और सबसे बड़ी बात यह अपने साथी पर ऊर्जा भी साथ लाती है इसका ताप सूर्य से भी अधिक होता है तो यह किसी भी बैटरी को जलाकर खाक कर देगी और इसे ही खट्टा करने से अच्छा है कि हम सोलर एनर्जी का प्रयोग करें अगर हम सूर्य से हमारी पृथ्वी पर आने वाली सारी ऊर्जा को सोलर पैनल की मदद से विद्युत ऊर्जा में बदल दें तो यह दुनिया की 1 साल की बिजली की खपत पूरी करेगी

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